Tuesday, July 27, 2010

इंतज़ार





सावन के मास को अगर प्रेम का समय कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति  नहीं होगी होगी ! कोई भी प्रेमिका सावन के मौसम में अपने प्रेमी से दूर नहीं होना चाहेगी इन्ही भावों को शब्दों में पिरो कर काव्य रूप देने का एक प्रयास किया है !

आज फिर आसमान ने बादलों की चादर ओढ़ रखी है ,
चारों तरफ एक प्यार भरा एहसास है ,
मन ख़ुशी से रहा है  , मयूरों की तरह झूम,
इंतज़ार की घड़ियाँ मानो नहीं हो रही ख़तम ,
दिल फिर से उन लम्हों को चाहता है दोहराना,
वो फूलों  की महक , वो मिटटी की सोंधी खुशबु ,
वो चिड़ियों का बागों में जाकर चहकना , दिल का बहकना
यह कहकर धडकना की आयेंगे वो ........
तू हिम्मत न हार , तू करती रह प्यार से उनका इंतज़ार ,
में खड़ी हूँ वंहा जंहा आते थे वो , आकर पास बुलाते थे वो ,
में खड़ी हूँ आज इंतज़ार में , आयेंगे वो , आकर गले से लगायेंगे वो
जब आए तो बारिश रुक सी गयी , साँसे मेरी थम सी गयी ,
न दूँगी कंही अब जाने उन्हें , लगाने दो कितने बहाने उन्हें ,
 लंबे इंतज़ार के बाद आई घड़ियाँ हैं ये , न जाने फिर कब मुलाकात होगी ,
वो बोले तभी जब चाँद पूरा होगा , और ये मदमस्त बरसात होगी !
 

 
 
 


Monday, July 19, 2010

बाल कविता

ची- ची करती चिड़िया रानी,

बच्चों के संग रहती है,

खेल-कूद कर उनके संग,

दाना चुनकर लाती है,

कित्ती मेहनत करती देखो,

श्रम का पाठ पढ़ाती है,

शाम-सवेरे चिड़िया रानी,

नील गगन पर उड़ती है,

बच्चों, तुम भी ऐसे बन जाओ,

मेहनत करो, सफलता पाओ।।

सच्चा सपना

 बच्चों ! आज आपने कोई सपना देखा? जैसे कोई राजा बना हो या राजकुमार या कोई हवाई जहाज में उड़ा तो कोई चांद-सितारों पर पहुंचा। एक मजेदार सपना इन्होंने भी देखा। भीलपुरा नामक एक गांव में तीन चतुर और समझदार मित्र रहते थे। एक दिन उनमे से एक ने कहा कि क्यों न कुछ दिन के लिए देशाटन पर चलें। उसके दोनों मित्रों को सुझाव पसंद आया और एक दिन तीनों मित्र अपना सामान बांधकर देशाटन पर रवाना हो गए। रास्ते में एक हलवाई की दुकान पर विभिन्न मिठाईयां देखते ही उनके मुंह में पानी भर आया। एक मित्र दुकान पर गया और उसे पांच रूपए में चार बर्फियां मिलीं। एक-एक टुकड़ा तीनों दोस्तों ने खा लिया और बाकी बचा टुकड़ा एक दोस्त ने अपने पास रख लिया। इस एक टुकड़े पर भी तीनों मित्रों की नज़र थी। इसे हासिल करने के लिए तीनों ने अपनी बुद्धि लड़ाई। उनमें से एक कहने लगा की इस टुकड़े का निर्णय हम आराम से लेंगे और इसके लिए कोई शर्त रखेंगे। बाकी दोनों मित्र इसके लिए तैयार हो गए। रात गुजारने के लिए वे एक धर्मशाला में गए। खाना खाकर चौसर खेलने बैठ गए। अचानक एक मित्र ने कहा बर्फी का टुकड़ा तो खाना भूल ही गए? एक चतुर ने चाल चली कि तीनों मित्र सुबह उठकर अपना-अपना अनोखा सपना सुनाएंगे जिस पर हम सभी को विश्वास करना होगा। इसमें जो जीत जाएगा बर्फी का टुकड़ा भी उसी का होगा। सुबह उठकर एक ने अपना स्वप्न सुनाया कि मैं इस विशाल राज्य का राजा बन गया हूं और एक सुंदर राजकुमारी से मेरा विवाह हो गया है। मैं अपनी रानी के साथ भांति-भांति के व्यंजन खा ही रहा था कि तुमने उठा दिया। दूसरे ने सुनाया कि चांद से सोने की सीढ़ियां उतर रही हैं और मेरे देखते ही देखते एक देवदूत आकर मुझे चांद ले गया जहां सुंदर नर्तकियां नाच-गा रही थीं। मैं पूरी रात आनंद लेने के बाद चांद से सुंदर पोशाक और धन ले कर पृथ्वी पर आ गया। तीसरे ने सुनाया कि न तो मैं किसी देश का राजा बना और ना ही चांद पर गया। रात के मध्य पहर में मुझे बहुत तेज भूख लगी। तभी एक आवाज़ आई कि मुझे खा जाओ! मैंने देखा तो यह आवाज़ उस एक बर्फी के टुकड़े से आ रही थी और मैने वह टुकड़ा खा लिया। उसने कहा कि मेरा सपना बिल्कुल सच्चा है चाहो तो देख लो! दोनों मित्रों ने जाकर डिब्बा खोला तो वह खाली था। बाकी दोनों मित्र सपनों में ही रह गए और एक मित्र ने सपने को सच कर दिखाया। इसलिए बच्चों! किसी वस्तु को या किसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए योजना और वाक चातुर्य की आवश्यकता होती है। इसी से आप सफलता प्राप्त करते हैं।

Monday, July 5, 2010

मकडजाल ( सत्य घटना पर आधारित कहानी )

आज अमित जैसे कितने ही छोटे शहर के नवयुक इन्टरनेट के मकडजाल में फसते जा रहे हैं ! इन्टरनेट उस मकड़ी की तरह जाल तैयार कर रहा है जिसका मकसद नित नए नवयुवक -नवयुवतियों को प्रलोभन देकर इस जाल में फ़साना है ! आज का नौजवान पीढ़ी जल्द से जल्द सब कुछ हासिल करना चाहती है ! अपनी जिन्दगी को ऐशो आराम से गुजरने के लिए वे कोई भी रास्ता अपना लेते हैं ! वे नित नए तरीके भी इजाद कर रहे हैं ! बेंको व घरों में चोरी , डकेती तो आम थी लेकिन जब कोई आपकी इ-मेल आई डी तक पहुँच आपके द्वारा प्राप्त जानकारी से ही संव्य को मालामाल व तुम्हे कंगाल कर दे तब तुम क्या करोगे ! ऐसी ही एक घटना अमित के साथ घटित हुई जो पूर्ण जानकारी न होने के कारण इन्टरनेट के मायाजाल में फस गया ! अमित एक मध्यमवर्गीय परिवार का लड़का था ! बाहरवी के बाद उसने अपने शहर के एक कॉलेज में दाखिला ले लिया ! वह बी . सी. ए कर रहा था ! कॉलेज में उसने पहली बार कम्प्यूटर का प्रयोग किया था ! वह पढाई में होशियार था ! धीरे-धीरे उसकी रूचि कम्प्यूटर के क्षेत्र में बदने लगी ! प्रथम वर्ष के पेपर हो गए थे ! छुटियों में उसने कम्यूटर लेने की जिद्द की ! उसके पिता जी ने उसकी यह जिद्द पूरी कर साथ में इन्टरनेट कनेक्शन भी लगवा दिया ! अब वह सारा दिन उसी पर लगा रहता ! कभी इ-मेल , आई डी बनाना , चैटिंग या गूगल पर सर्च जिससे ज्ञानवर्धक जानकारी भी प्राप्त करता ! एक रात वह गेम्स सर्च कर रहा था की एक ऐसी वेबसाइट में पहुंचा जंहा कई तरह की आकर्षक लाटरियाँ थी ! वह उसे कोई खेल समझ खेलने लगा क्योंकि उसे इसकी कोई जानकारी नहीं थी ! उसने अपना रजिस्ट्रेशन कराया , नाम , ईमेल व खेलने में व्यस्त हो गया ! काफी देर खेलने के बाद व उकता गया व बंद कर सोने चला गया ! अगले दिन उसने जब अपना इ-मेल चेक किया तो उक्त कम्पनी का एक मेल था की कल रात अपने जो लाटरी खेले आप उसमें जीत गए हैं ! उसे कुछ समझ नहीं आया , उसने वह मेल आगे पढ़ा ! आपको ढेड लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम mila है ! उसने जल्दी से हिसाब लगाया भारत्या रकम के हिसाब से यह कुल सत्तर लाख रूपए थे ! उसकी ख़ुशी की सीमा नहीं रही ! उसे अपनी किस्मत पर विश्वास नहीं हो रहा था ! उसमे एक फार्म दिया गया था जिसमे अपनी उम्र , शिक्षा, घर का पता इत्यादि लिख कर दे ! उसने उपरोक्त फार्म को जल्दी से भरकर भेज दिया ! वह बहुत खुश था लेकिन उसने इसकी जानकारी किसी को भी नहीं दी ! वह सबको चौंका देना चाहता था ! अब वह सारा दिन अपना इ-मेल चेक करता की उनका कोई जवाब आ जाये ! ऐसे ही दो दिन बाद उनका मेल आया की भेजी गयी जानकारी सही है ! इसके लिए हमे आपके प्रमाण-पात्र चाहिए ! आप हमे आपना पास-पोर्ट , आईडी प्रूफ , राशन कार्ड की कोपी इत्यादि भेज दे ! अमित के पिता ने सोच था की ग्रेजुअशन के बाद वे उसे बाहर पढने भेजंगे ! अत उसका पास पोर्ट तैयार था उसने सारे कागज स्कैन करा उन्हें मेल कर दिए ! उसी शाम को उनका जवाब आ गया की भेजी गयी जानकारी की हम जांच कर चुके हैं ! यह बिलकुल उचित है ! अब आप अपना पैसा वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर की किसी भी शाखा से ले सकते हैं ! उसके पैर धरती पर नहीं लग रहे थे की घर बैठे उसे इतना पैसा मिल रहा है ! पर साथ ही आपको कर राशी के रूप में कुल पैसे का .१० % पैसा हमार खाते में जमा करवाना होगा ! यह कुछ सात हजार रुपया था ! अब वह परेशान होने लगा इतना पैसा उसके पास नहीं था न ही व किसी को बता सकता था ! तभी उसे एक युक्ति सूझी और उसने अपना तेरह हजार का फोने अपने दोस्त को सात हजार में बेच दिया और कहा की में कुछ दिन में पैसे लौटा फोन वापिस ले लूँगा ! वह जल्दी से उनके खाते में पैसे जमा करवा कर आ गया ! उसके कथनानुसार अड़तालीस घंटे में सारा पैसा अमित के पास पहुँच जाना था लेकिन पैसा नहीं आता ! उसके सबर का बाँध टूट जाता है वह उन्हें कितने मेल करता है लेकिन कोई जवाब नहीं आता ! इस बात को एक सप्ताह बीज जाता है ! उसके पिता अमित से फोन के बारे में पूछते हैं व बहाना बना उन्हें ताल देता है की तकनिकी खराबी के कारण व ठीक होने के लिए गया है ! इतना उसका कॉलेज भी शुरू हो जाता है ! उसके पिता जी कॉलेज की फीस जमा करने के लिए उसे पैसे देते हैं ! अमित उन्ही पैसों से फोन वापिस ले आता है ! लगभग एक महीने बाद कॉलेज वालों का फीस जमा न करने के कारण घर पर लैटर आता है ! अमित के पिता को कुछ समझ नहीं आता वे अमित को बहुत डांटते हैं ! अंत में आमिर रोते हुए उन्हें सारी बता देता है ! वे समझ जाते हे की उनके बेटे को किसी ने धोखे से फसाया है ! वह उसे प्यार से समझाते हैं की अगले दिन उनके घर एक चेक आता है ! उस चेक में उतनी ही जीती राशि लिखी होती है ! अमित बड़े गर्व से अपने पिताजी को कहता है अब देखिये , और दोनों बाप बेटा बैंक जाते वंहा अधिकारी उस चेक को देख हँसते है की इस तरह का कोई बैंक नहीं है ! किसी ने आपके साथ गन्दा मजाक किया है ! अब अमित को समझ अत ही की यह कितनी बड़ी जालसाजी है जिसमे न जाने कितने लोगों को गुमराह कर उनका पैसा ऐंठा जा रहा है ! उसके पिताजी उसे कहते है की दी गयी जानकारी के आधार पर व गिरोह कोई भी गलत कार्य या जुर्म कर तुम्हे फंसा सकते है ! इतना पढ़-लिखने के बावजूद तुमने ऐसी गलती की ! वह बहुत शर्मिंदा हुआ उसका पूरा सेमस्टर खराब हो चूका था ! ऐसे ही न जाने रोज कितने अमित अपनी जिन्दगी व पैसा खराब कर रहे हैं ! इन घटनाओ की संख्या नित बदती जा रही है बस तरीके नए हैं ! सोशेल नेटवर्किंग साईट जंहा हमे एक दुसरे से जोडती है वन्ही गलत लोग इसका दुरपयोग कर ब्लेकमेलिंग करते हैं ! कभी -कभी इस तरह के मेल की अफगानिस्तान में हम फंस गए हैं या शिविर में हैं ! हमारा पैसा वंहा है या पिताजी की म्रत्यु हो गयी माता सौतेली हैं ! हमे मदद चाहिए ! किसी कम्पनी के नाम से भी कोई मेल हो जैसे हुंडई की आपने इनाम जीता है , आपको चुना गया , बेटे की दुर्घटना में आंखे चली गयी ! इन सबसे दूर रहे ! सिर्फ अपनी जान -पहचान के लोगों से ही बात करे ! इन्टरनेट के जितने फायदे हैं उतने ही नुक्सान भी ! अत सावधानी बरते ! आपकी सुरक्षा आपके हाथ में है !