Saturday, May 1, 2010

लेबर डे

 अम्मा  जल्दी करो ना समारोह शुरू होने वाला है ! तुम्हे याद नहीं का  मालिक बोले थे सब वक़्त पर आ जाना क्योंकि  नेता जी आयेंगे ! अच्छा लगेगा का की हम सब से अंत में पहुंचे ! नेता जी कितना कुछ कहेंगे खाना भी समाप्त हो जायेगा ! हमें पूरा विश्वास है की अब हमारा रोजगार भत्ता भी बढेगा ! तुम देखना , मुन्ना के चेहरे पर जो  विश्वास था माँ वही देख डर रही  थी  की कंही  ये सपने  बिखर ना जाए !  तभी मुन्ना की अम्मा  दुखी स्वर में बोली , हाँ तुम चलो हम तुम्हारे बापू को दवाई देकर आते हैं ! अम्मा एक व्यंगात्मिक हंसी हँसते हुए कहने लगी कितना खुश है , पर यह का जाने की सच्चाई  क्या है ! अम्मा और मुन्ना  भी कारखाने के मैदान में पहुँच गये जंहा बस्ती के बाकि लोग भी मौजूद थे ! वही हुआ जो सब जानते थे इंतजार के बाद या कहे नियत समय से तीन घंटे बाद नेता जी पधारे , वही लेबर डे के उपलक्ष में भाषण दिया गया ! सब ने तालियाँ बजाई , नेता जी के वायदों ने मुन्ना जेसे कई बच्चों का दिल जीत लिया , सबको खाना खिलाया गया !  सभी बस्ती वाले चेहरे पर शुन्य भाव लिए जब घर की और आ रहे थे , लेकिन मुन्ना के मन में उत्साह था , उमंग की एक नयी लहर ! घर पहुँच कर उसने , बाबा को सारी बात बताई ! अगले दिन काम करने के बाद जब मजदूरी  लेने का वक़्त आया तो उसके होश उड़  गए , एक सो पचास रूपए में पचास रूपए कम थे ! उसने जब मुनीम से इसका कारण पूछा , तो वह खा जाने वाले स्वर में बोला चुप रह अंडे  से बाहर अभी निकला  नहीं , चला है सवाल जवाब करने कल जो मुफ्त का खाया था उसका पैसा तेरा बाप देगा ! मुन्ना कभी अपनी माँ का चेहरा , कभी नेता जी की बातें तो  कभी लेबर डे का लगा बोर्ड देख रहा था !

6 comments:

  1. सही कहा है मज़दूरो की दास्तान यही है.

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  2. मजदूरों की दयनीय स्थिति को चित्रित और उस पर सार्थक विवेचना करती आपके इस रचना को सरकार में बैठे निति निर्माताओं को पढना चाहिए / आप ptiala में हमारे आन्दोलन का नेतृत्व करेंगी क्या ? हमारा आन्दोलन, ऐसे ही समस्याओं को एकजुटता की ताकत से ,हर हाल में अहिंसक तरीके से हल करने के लिए देश और समाज को एक जुट कर रहा है / अगर हाँ तो हमें फोन करें या इ मेल पर संपर्क करें /अच्छी वैचारिक संदेशात्मक रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद / आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /

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  3. मजदूर ने मन में सोच्या होगा की अच्छा हुआ जो कल ज्यादा खाना नहीं खाया नहीं तो पुरे ले लेता

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  4. आपका अति आभार इस रचना को इतना पसंद किया , मेरा प्रयास नित कुछ नया व बेहतर लिखने का रहेगा ! आशा करती हूँ आप इसी प्रकार अपना आशीर्वाद बनाये रखेंगे ! बहुत-बहुत धन्यवाद् !

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