निरंतर चल रहा है ये कारवां, गतिमान, उत्साहित आँखों में अरमान लिए,
जिन्दगी में कुछ हासिल करने, स्वप्न सलोनों को पूरा करने,
अपनी ही उमंगों में चलता, मुश्किलों को चुनौती समझ उनसे जूझता,
जैसे आगे बढ़ने की होड़ में नदियों या लहरों का टकराना, उनका छिन्न-भिन्न होना,
लेकिन फिर उसी उत्साह से आगे बढ़ना, पतझड़ में फूलों का एक-एक गिरता पत्ता,
लेकिन बसंत में खिलने वाली नई कोपलों की आस लिए,
यही जीवन के हैं रंग, आशा और निराशा संग -संग ,
अंत मुश्किलों का कर सामना, सपनों को न मरने दें,
भरता जा उनमें नित नए रंग, खुशियों व नई आशाओं के संग,
आशाओं के संग ...........
बहुत सुन्दर!!
ReplyDeleteआपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....
ReplyDeleteअति सुंदर, अविराम लिखें, सुबहोशाम लिखें
ReplyDeletenice one vindra ! keep it up ! dear !
ReplyDeleteand plz improve day by day!