Monday, May 9, 2011

उत्सव


हमारे देश के हर एक उत्सव में परम्पराओं के  रंग है , अपनेपन की महक है , और  जिंदगी  के जशन है ! ये सभी चीज़ें हमें भेद भाव के बन्धनों को तोड़कर खुशियों के  धागों से जोडती हैं , और जीवन में प्रेम , भाईचारे और एकता की एहमियत  को साकार करता ..ऐसा ही एक उत्सव है अक्षय  तृतीया ! अक्षय तृतीया यानि की हिन्दू धर्म के लिए एक परम पावन दिन ..इस तिथि को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है ! हिन्दू धर्म में इसकी बहुत महत्वत्ता है ! ऐसा माना जाता है की इस पूरे दिन शुभ मंगल घडी का क्षय नहीं होता , इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं उनका शुभ फल प्राप्त होता है ! पुराणों में उल्लेख किया गया है की इस दिन त्रेता युग का आरम्भ हुआ था ..और इसी दिन भगवान विष्णु ने  परशुराम के रूप में जन्म लिया था ! इसलिए इस उत्सव के दिन मंदिरों में सुबह से ही पूजा अर्चना शुरू हो जाती है ! अक्षय तृतीया के दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व माना गया है ! दिन निकलते ही श्रद्धालु गंगा के तट पर डुबकियां लगाने के लिए निकल पड़ते हैं ! इस दिन पुण्य को अर्जित करने का एक और अवसर हमें  हवन करने  से प्राप्त होता है ! इस दिन देश के कई हिस्सों में दहेजमुक्त सामूहिक विवाह भी किये जाते हैं ! अक्षय तृतीया खुशहाली और समृधि का त्यौहार है ! खा गया है की इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी कार्य किया जा सकता है ! इस दिन अगर गायत्री मन्त्र का उच्चारण भी किया जाए तो वो अमर हो जाता है , इसलिए इस दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए  किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए ! महिलाएं इस दिन स्वर्ण -आभूषण खरीदती है , इससे बेहद शुभ माना गया है ! धर्म -कर्म और अध्यात्म से ओत-प्रोत ये उत्सव हमें यही सन्देश देते हैं की सही रास्ते पर चलना चाहिए और अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने की कोशिश करनी चाहिए ! 

1 comment:

  1. HUMARI Sabhi culture, pooja, sanskirit hume kuch na kuch accha sikhati hai aur jarurat hai ki hum usa samjhe aur waisa hi kare.

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