Friday, January 29, 2010

दहेज़

माँ यह दहेज़ क्या होता है ? नेहा ने हैरानी से पूछा ! क्या हुआ बेटा आपने कहा सुन लिया सुनीता ने पूछा, नहीं माँ वो श्रेया कह रही थी, उसकी मम्मी तो अभी से घर की हर चीज उसके दहेज़ के लिए जोड़ रही हैं ! आप बताओ ना , ओह मेरी बिटिया की शादी में अभी बहुत समय है ! आपके पापा तो वैसे ही दहेज़ के सख्त खिलाफ है ! परन्तु माँ ये होता क्या है ! यह वो राक्षस है जो रोज ना जाने कितनी ही लड़कियों को निगल रहा है ! बिना किसी कसूर के ! शादी के समय दी जाने वाली वो प्यारी सौगात जो आज इस समाज के कारण लोगों की परतिष्ठा व दिखावे का प्रतीक बन गयी है ! जो यह दिखावा नहीं कर पाते उसकी सजा उन मासूमों को अपनी जान देकर ...............! क्या मम्मी कैसे बातें कर रहे हो ! बेटा शादी के समय घर का सामान फ्रिज, टी;वी , इत्यादि जो दिया जाता है उसे ही दहेज़ कहते हैं ! ओके माँ ! आप इस बात को छोडो और जाकर पढाई करो ! कुछ दिन बाद अरे मिसेज शर्मा हद हो गयी ! अपने ही पड़ोस में ऐसी घटना , शर्म क्यों नहीं आती लोगों को ऐसा करते ! वे क्यों भूल जाते हैं की अगर उनकी बेटी के साथ कोई ऐसा करे ! अरे नेहा बेटा आप आ गए , कैसा रहा स्कूल में आपका दिन ! माँ एक बात कहू आप मानोगे हाँ बेटा बोलो , प्लीज़ आप मुझे मेरी शादी में दहेज़ जरुर देना लेकिन क्या हुआ ? मुझे आरती आंटी की तरह जल कर नहीं मरना ! गली में सब कह रहे थे की देखो कैसे पापी है , दहेज़ के लिए बहु को जला दिया ! सुनीता बिना कुछ कहे खाना लेने चली गयी !

3 comments:

  1. उम्मीद है इस तरह के लेखन से लोग सबक लेंगे और इस अनावश्यक प्रथा को ही जला डालेंगे... अच्छा लिखा बधाई..
    जय हिंद...

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  2. gaur karne wala vishay hai .........kya sandesh ja raha hai isse hamari aane wali peedhi ki taraf.

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  3. माँ अपनी बिटिया के लिए उसके जन्म से ही सामान एकत्र करना शुरू कर देती है। माँ तो आखिर माँ है, लेकिन जालिम जमाने ने हद कर रखी है।

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