Saturday, July 25, 2009

छिपा हुआ चाँद

आज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया
क्योंकि ....चाँद में उनका दीदार है आया
जब उस चाँद को देखने हम छत पर आये ,
तो देखा की चाँद को भी है बादलों ने छुपाया ..........
एक तो उनकी याद में , पहले ही उदास थे हम ,
ऊपर से चाँद ने भी कर दिए , हम पर कितने सितम ....
की एक चाँद को देखने , चाँद के पास आये थे ...
सोचा की तेरी यादों के खजाने को लेंगे बाँट ........
लेकिन ये चाँद तो खुद अपने चकोर से मिलने को रहा ,था तरस .....................
जिसे बादलों ने खुद में छुपाया था।,
तब चाँद ने भी हवा को अपना संदेश सुनाया था ।
की जाकर छु ले मेरे दोस्त को तू सरहद के पार
और कह दे उसे की तेरा दोस्त कर रहा .........है तेरा इंतज़ार !

12 comments:

  1. सुंदर
    शुभकामनाओं के साथ स्वागत है हिंदी ब्लॉगजगत में

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  2. Vaah...kiski yaad mein doob kar likhi hai rachna......... par lajawaab hai..

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  3. तब चाँद ने भी हवा को अपना संदेश सुनाया था ।
    की जाकर छु ले मेरे दोस्त को तू सरहद के पार
    और कह दे उसे की तेरा दोस्त कर रहा .........है तेरा इंतज़ार !
    उत्कृष्ट लेखन ,आपमें कविता को लिखने की जो क्षमता है वह आपकी दूरदृष्टि की परिचायक है
    बधाई स्वीकारें

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  4. vrindaji gandhi

    आज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया

    सुन्दर रचना!

    आभार/ मगल भावनाऐ

    हे! प्रभु यह तेरापन्थ
    मुम्बई-टाईगर

    SELECTION & COLLECTION

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  5. रचना के भाव अच्छे हैं वृंदा जी। मेरे हिसाब से कविता को काव्यात्मक रूप देने की कोशिश होनी चाहिए, जो निरन्तर लिखने से स्वतः हो जायगा। आपकी कविता पढ़कर अपना ही एक शेर याद आया-

    कब हमारे चाँदनी के बीच बदली आ गयी
    कुछ पलों तक चाँद का भी रूठना अच्छा लगा

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  6. very lovely poem! very nice. keep it up.

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  7. सूर्य-ग्रहण का अच्छा चित्र खीचा है आपने...
    बादलों के कारण नहीं देख पाए थे...

    मज़ाक है...पर कुछ तो है....

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  8. चाँद का तो काम ही कलाबाजियां करना

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  9. स्‍वागत है आपका हिन्‍दी ब्‍लाग जगत में.

    आपकी कवितायें चांद सी चमकती रहें, आपके गीत चकोर पाठकों के हृदय में गूंजती रहे.

    शंभकामनायें.

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  10. एक तो उनकी याद में , पहले ही उदास थे हम ,
    ऊपर से चाँद ने भी कर दिए , हम पर कितने सितम ....

    really nice, keep up the good work...

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  11. Sundar rachna...!
    Anek shubhkamnayen!

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  12. आज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया
    क्योंकि ....चाँद में उनका दीदार है आया
    जब उस चाँद को देखने हम छत पर आये ,
    तो देखा की चाँद को भी है बादलों ने छुपाया
    Vrinda ji ,
    bahut khoobsurat panktiyan likhee hain apane .asha hai age bhee likhengee.
    Meree shubhkamnayen.
    HemantKumar

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