आज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया
क्योंकि ....चाँद में उनका दीदार है आया
जब उस चाँद को देखने हम छत पर आये ,
तो देखा की चाँद को भी है बादलों ने छुपाया ..........
एक तो उनकी याद में , पहले ही उदास थे हम ,
ऊपर से चाँद ने भी कर दिए , हम पर कितने सितम ....
की एक चाँद को देखने , चाँद के पास आये थे ...
सोचा की तेरी यादों के खजाने को लेंगे बाँट ........
लेकिन ये चाँद तो खुद अपने चकोर से मिलने को रहा ,था तरस .....................
जिसे बादलों ने खुद में छुपाया था।,
तब चाँद ने भी हवा को अपना संदेश सुनाया था ।
की जाकर छु ले मेरे दोस्त को तू सरहद के पार
और कह दे उसे की तेरा दोस्त कर रहा .........है तेरा इंतज़ार !
सुंदर
ReplyDeleteशुभकामनाओं के साथ स्वागत है हिंदी ब्लॉगजगत में
Vaah...kiski yaad mein doob kar likhi hai rachna......... par lajawaab hai..
ReplyDeleteतब चाँद ने भी हवा को अपना संदेश सुनाया था ।
ReplyDeleteकी जाकर छु ले मेरे दोस्त को तू सरहद के पार
और कह दे उसे की तेरा दोस्त कर रहा .........है तेरा इंतज़ार !
उत्कृष्ट लेखन ,आपमें कविता को लिखने की जो क्षमता है वह आपकी दूरदृष्टि की परिचायक है
बधाई स्वीकारें
vrindaji gandhi
ReplyDeleteआज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया
सुन्दर रचना!
आभार/ मगल भावनाऐ
हे! प्रभु यह तेरापन्थ
मुम्बई-टाईगर
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रचना के भाव अच्छे हैं वृंदा जी। मेरे हिसाब से कविता को काव्यात्मक रूप देने की कोशिश होनी चाहिए, जो निरन्तर लिखने से स्वतः हो जायगा। आपकी कविता पढ़कर अपना ही एक शेर याद आया-
ReplyDeleteकब हमारे चाँदनी के बीच बदली आ गयी
कुछ पलों तक चाँद का भी रूठना अच्छा लगा
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
very lovely poem! very nice. keep it up.
ReplyDeleteसूर्य-ग्रहण का अच्छा चित्र खीचा है आपने...
ReplyDeleteबादलों के कारण नहीं देख पाए थे...
मज़ाक है...पर कुछ तो है....
चाँद का तो काम ही कलाबाजियां करना
ReplyDeleteस्वागत है आपका हिन्दी ब्लाग जगत में.
ReplyDeleteआपकी कवितायें चांद सी चमकती रहें, आपके गीत चकोर पाठकों के हृदय में गूंजती रहे.
शंभकामनायें.
एक तो उनकी याद में , पहले ही उदास थे हम ,
ReplyDeleteऊपर से चाँद ने भी कर दिए , हम पर कितने सितम ....
really nice, keep up the good work...
Sundar rachna...!
ReplyDeleteAnek shubhkamnayen!
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आज चाँद पर हमें , बहुत प्यार है आया
ReplyDeleteक्योंकि ....चाँद में उनका दीदार है आया
जब उस चाँद को देखने हम छत पर आये ,
तो देखा की चाँद को भी है बादलों ने छुपाया
Vrinda ji ,
bahut khoobsurat panktiyan likhee hain apane .asha hai age bhee likhengee.
Meree shubhkamnayen.
HemantKumar